एग्रोक्रेट्स सोसायटी फार रुरल डेवेलपमेंट की स्थापना 28 नवम्बर 1995 को “वसुधैव कुटुम्बकम” ‘मानव कल्याण का अभ्युदय’ के उद्देश्य, ‘एवं सर्वजन उपकारी “साम्यता के साथ संवृद्धि” के सिद्धांत के व्दारा टिकाऊ विकास’ के प्रेरण के साथ की गयी। एग्रोक्रेट्स सोसायटी के उद्देश्य की पूर्ति हेतु जमीनी कार्यकर्ताओं, दक्ष योजनाकारों तथा विषय विशेषज्ञों और उनके समर्पित परिवारों की एक सुव्यवस्थित टीम है, जो कृषकों के साथ परस्पर समझ बनाते हुए विगत 25 वर्षों से सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य की प्राप्ति हेतु कार्य कर रही है। इस सृजनशील अवधि में एक विहंगम दृष्टि डालने पर हम पाते हैं की, एग्रोक्रेट्स सोसायटी छत्तीसगढ़ के सुदूर वनांचल क्षेत्रों के आदिवासी एवं कृषक परिवारों के साथ सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में विकास का ऐसा ताना-बाना बुना है, जो कि उल्लेखनीय है। एग्रोक्रेट्स सोसायटी ने कृषि की आधुनिकतम तकनीकियों और परम्परागत तकनीकियों का कुशलता के साथ समन्वय करते हुए, कृषि कार्य से आय में अधिकतम वृद्धि करने का अनुकरणीय उदहारण प्रस्तुत कर, लोगों के जीवन स्तर में बदलाव लाया है। एग्रोक्रेट्स सोसायटी पुरे मनोयोग एवं सार्थकता के साथ सृजनात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का सतत संचालन करती रहती है, ताकि कृषक उत्साह एवं उद्यमशीलता के साथ कृषि को अपने जीवन-यापन का सर्वश्रेष्ठ साधन बनाने का प्रयास करें। एग्रोक्रेट्स सोसायटी का उद्यमशीलता से आशय है अच्छे प्रबंधन के पञ्च तंत्र श्रम, भूमि, पूंजी, साहस और संगठन का भलीभांति समन्वय करकृषि कार्य को उद्योग की भांति कृषि को भी प्रबंधित करना एवं लाभकारी बनाना। इसी क्रम में कृषि को योजनाबद्ध तरीके से करने के लिए एग्रोक्रेट्स सोसायटी ने कृषकों के बीच ‘आओ करके सीखें’, पद्धति से सजीव माडल के रूप में “कृषि-ऋषि आश्रम” की स्थापना वर्ष 2005 में, गरियाबंद जिले के गरियाबंद विकासखंड के मलेवा अंचल स्थित केरगांव ग्राम में की है।
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